Best top 5 beautiful places in pune
पुणे शहर
दोस्तो हम में से कई लोग है जो घूमने के बड़े ही शोकिन होते है,लेकिन उन्हे पता नही होता की घूमने के लिए कोणसी जगह जाना चाहिए,हम आपको आपके आस पास के के बड़े शहर की कुछ बहुत ही सुंदर जगह के बारे में आपको बताएंगे जिसे देखारक आप बहुत ज्यादा खुश हो जायेंगे।
दोस्तो पुणे जिलें की कुछ दिल खुश कर देने वाली बात जान लेते है।दोस्तो पुणे जिलेको एक एतिहासिक जिले के रूप में भी जाना जाता है।पुणे जिलें को हम सब छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्म स्थान के रूप में भी जानते है।छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने स्वराज की शुरुवात यहीसे ही शुरू की थी।साथ ही आज के दौर पर पुणे जिले को” शिक्षणाचे माहेर घर” के रूप में भी जाना जाता है।दोस्तो पुणे जिले में कई सारी ऐसी जगह है जिसको देखकर आपको बहुत अच्छा लगने लगेगा तो चलो जानते है ओ कोनासी टॉप 5 जगह है जिसे आप अपने परिवार के साथ जाकर आनंद उठा सकते है।
सिहगड

दोस्तो सीहगड किला परिसर आज के दौर में सबसे ज्यादा सुंदर किलो में से एक है जिसे अपने देखा नही है,तो आपको जरूर देखना चाहिए, सीहगड की सुंदरता को देखने के लिए आपको जून महीने में जाना चाहिए क्योंकि जून महीने में बारिश का मौसम सुरु होता है।और उस बारिश के मौसम में किले की सुंदरता और भी ज्यादा बड जाती है।पहिले किले पर जाने के लिए आपको किले के नीचे से 4 से 5 किमी दूर से ऊपर की ओर चढ़ना बहोत ही कठिन था ,लेकिन अब आप अपनी गाड़ी को किले के ऊपर तक ले जा सकते है।साथ ही अगर आपको घूमते हुए मजे करते हुए आनंद के साथ किले की सुंदरता का लाभ उठाना चाहते है तो आपको चलकर जाना ही ज्यादा फायदेमद रहेगा किले के ऊपर जाने के बाद आपको वहा छत्रपति शिवाजी महाराज के समय के सभी विरोका आभास होता है।किले को बारिश के मोसम में ऊपर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है की,हम धरती को छोड़ आसमान में आए है।दोस्तो सीहगड किले की ऊंचाई जमीन से लेकर कुछ 4400फिट इतनी ऊंची है।दोस्तो सिंहगड किले के ऊपर से आपको राजगड किला,पुरंदर किला और तोरना किले के भी दर्शन हो जाते है।
दोस्तो थोड़ा इतिहास की जानकारी देखें तो छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता शाहजी भोसले को पुणे क्षेत्र का अधिकार दिया गया था। आदिलशाही ने सोचा कि छत्रपति शिवाजी महाराज भी आदिलशाही को स्वीकार कर लेंगे। छत्रपति शिवाजी महाराज ने आदिलशाही को स्वीकार नहीं किया और स्वराज की स्थापना कर उसे सुदृढ़ करने का कार्य प्रारम्भ किया। 1647 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने रणनीति बनाकर इस किले पर कब्जा कर लिया था। सिंहगढ़ किला आदिलशाही के एक सरदार सिद्दी अंबर के नियंत्रण में था।लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने सिद्धि अंबर को आश्वस्त किया कि हम, शाहजी भोसले के पुत्र, इस किले को अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकते हैं, इसलिए सिद्दी अंबर ने सिंहगढ़ किले को छत्रपति शिवाजी महाराज को सौंप दिया।
पार्वती हिल्स

दोस्तो पार्वती हिल्स एक ऐसी जगह है जिसके उपरी हिस्से से पूरे पुणे शहर की सुंदरता आपको दिखाई देगी पार्वती हिल्स की ऊंचाई जमीन से लेकर लगभग 2695 मि इतनी है।पार्वती हिल्स ठिकान पुणे शहर के अज्ञेय दिशा में स्थित है।इस हिल्स की विशेष आकर्षण की बात करे तो इस हिल्स पर दो मंदिर है हो इस पार्वती हिल्स की शोभा और बड़ते है।जिसमे एक है पार्वती माता का मंदिर है और दूसरा कार्तिकेय स्वामी का मंदिर है। जो इस पार्वती हिल्स का मुख्य आकर्षण भी है।पार्वती हिल्स से रात के समय में ऊपर से देखने से पूरे पुणे शहर को देखने का एक अलग ही मजा है।
शनिवार वाड़ा

शनिवार वाड़ा एक ऐतिहासिक स्थान है शनिवार वाड़ा की स्थापना पेशेवर कालीन बाजीराव पेशवा प्रथम ने बनाया था।भारत सरकार ने 17 जून को शनिवारवाड़ा घोषित किया, ए.डी. इसे 1919 में महाराष्ट्र में राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है।दोस्तो अगर आप पुणे जिले में रहते है और आजतक अपने शनिवार वाड़ा नही देखा तो आपको इस आवश्य देखना चाहिए। शनिवार वाड़ा देखने के लिए पर्यटक खास विदेश से आते रहते है।शनिवार वाड़ा देखने के लिए आपको आवश्य जाना चाहिए।ऐसा माना जाता है की शनिवार को महल की नींव रखी गई थी, इसलिए इसका नाम ‘शनिवार वाडा’ पड़ा है। लगभग 85 वर्षों तक महल पेशवाओं के शासन में था, लेकिन 1818 में अंग्रेजों ने इस पर कब्जा कर लिया और यह भारत की स्वतंत्रता तक उनके नियंत्रण में रहा।
रामधारा टेंपल

दोस्तो कई सारे लोग इस अदभुद मंदिर के बारे में नहीं जानते है,यह मंदिर पुणे शहर से कुछ 30 किमी दूरी पर स्थित है,जो हड़पसर से लेकर लोनी कालभोर गांव से होकर जाना पड़ता है।यह मंदिर पहाड़ी से घिरा हूवा होने से इसका आकर्षण बड़ जाता है, है मंदिर पानी के बड़े तालाब में स्थिर है,जिसका रम्य वातावरण आपको एक अलग ही सैर का अनुभव कराएगा यह मंदिर श्री राम का है।ऐसा माना जाता है की प्रभु श्री राम जब वनवास में थे तब वे इस थान पर कुछ समय तक यहां पर रुके थे इस मंदिर की विशेष आकर्षण है इस मंदिर को चारो ओर से घिरा हुआ तालाब जो कितनी भी बारिश होने पर भी नही पूरा नहीं भरता है,सिर्फ प्रभु श्री राम की मूर्ति के पैर को छूकर वापस जाता है। चारो ओर से बड़े पर्वत होने के कारण यह कितनी भी गर्मी में हमेशा ठंड वातावरण का अनुभव होता है।
लाल महल

दोस्तो लाल महल को छत्रपति शिवाजी महाराज की दौर में बनवाया गया था लाल महल में शिवाजी महाराज का बचपन बीता है।लाल महल पुणे के केंद्र में एक बहुत ही प्रभावशाली इमारत है शिवाजी महाराज लंबे समय तक लाल महल में रहते थे। शिव राय का बचपन लाल महल में बीता। इस लाल महल में शाहिस्ते खान की उंगलियां शिवाजी महाराज द्वारा काट दी गई थीं। वर्तमान लाल महल को 1988 में पुणे नगर निगम द्वारा बनाया गया था। शिव काल का लाल महल अब मौजूद नहीं है। इस भवन में नगर निगम ने बाल शिवाजी जिजाऊ की सुंदर मूर्ति स्थापित की है।